"गुलमोहर " का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने को आकर्षक बना कर अपने मित्रों का तथा समाज के सभी क्षेत्रों में सर्व जन वशीकरण कर लाभ उठा सकते हो !!
वशीकरण क्रिया में सबसे अधिक और महत्वपूर्ण स्थान स्वयं को आकर्षक बनाना, जी से आप का व्यक्तित्व ऐसा बने कि लोग अपने आप आप से बात करने के हमेशा उत्सुक रहें, तथा उन्हें आप से मिलने की उत्सुकता बनी रहें, इसके लिए आपका रंग चाहे काला हो या गौरा इस बात से कोई फर्क नही पड़ता, बस आपका व्यक्तिव दूसरों को आकर्षित करें ऐसा प्रयोग आज आपको इसी श्रृंखला के अंतर्गत बताने जा रहा हूँ.
अब तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है,
सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,
प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, आकर्षक बनने के लिए आप "गुलमोहर फूल" का प्रयोग करें. यह फूल आकर्षक बनाने में बहुत अधिक सहायक है,
वास्तव में गुलमोहर का सही नाम 'स्वर्ग का फूल' ही है. भरी गर्मियों में गुलमोहर के पेड़ पर पत्तियाँ तो नाममात्र होती हैं, परंतु फूल इतने अधिक होते हैं कि गिनना कठिन होता है, संस्कृत में इसका नाम 'राज-आभरण' है, जिसका अर्थ राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष है.
गुलमोहर के फूलों से श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का शृंगार किया जाता है.इसलिए संस्कृत में इस वृक्ष को 'कृष्ण चूड' भी कहते हैं.ये फूल लाल के अलावा नारंगी, पीले रंग के भी होते हैं, लेकिन इस प्रयोग के लिए लाल रंग के फूल ही उपयोग में लायेंगे.
हमारे प्राचीन ग्रंथों में ऋषि मुनियों ने इस गुल मोहर फूल में सौन्दर्य और आकर्षण के देवता जो कि कामदेव जी है इन्ही कामदेव जी का वास गुलमोहर फूल में रहता है,
अतः हम आज इस गुलमोहर के फूल द्वारा अपने शरीर और अपने व्यक्तित्व की आकर्षक बना सकते है,
कैसे ????
यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गुलमोहर के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल रोज़ आप अपनी ऊपर वाली जेब में रखें या अपने बैग में रख कर व्यापारिक स्थल या दूकान या ऑफिस में जाकर अपने बैठने के स्थान पर किसी भी गुलदस्ते में दुसरे फूलों के साथ रख दें, ऐसा नियमित करने से आप स्वय चम्ताकार अनुभव करेंगे,
वृहस्पतिवार को उस गुलमोहर के पेड़ के पास प्रातः के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शुक्रवार प्रातः आप का फूल मुझे आकर्षक बनाने में मेरा सहयोग करें, इसीलिए कल मैं आपके 16 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें,
इस प्रकार का निवेदन कर एक पीले रंग का धागा उस गुलमोहर के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. शुक्रवार प्रातः पीले रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 16 फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर आसमानी रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात गुलाब जल भी किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसी गुलाब जल से छींटे दें.
सौन्दर्य और आकर्षण के देवता जो कि कामदेव जी है इन्ही कामदेव जी का मानसिक स्मरण करें कि भगवान कामदेव जी हम पर कृपा करें तथा मेरे व्यक्तित्व में चुम्बकत्व आकर्षण उत्पन्न हो जाये जिसके द्वारा मुझे यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होने लगें इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए.
इसके पश्चात गुलाब जल का 15 से 20 मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा मक्खन का प्रशाद बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये मक्खन का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है
बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को भगवान विष्णु जी के मंदिर में जा कर जहाँ भगवान विष्णु जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां भगवान विष्णु जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें,
इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आप के अंदर आकर्षण की शक्ति का संचार आरम्भ होने लगेगा तथा कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से मानसिक तथा आर्थिक लाभ होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा 6 बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.
"भगवान कामदेव जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनाने में सहयोग करें....."
ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....
अगले भाग में स्वयं को घर में क्लेश व कलह शान्ति करने हेतु का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...
श्रीरस्तु !!
कैसे ????
यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गुलमोहर के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल रोज़ आप अपनी ऊपर वाली जेब में रखें या अपने बैग में रख कर व्यापारिक स्थल या दूकान या ऑफिस में जाकर अपने बैठने के स्थान पर किसी भी गुलदस्ते में दुसरे फूलों के साथ रख दें, ऐसा नियमित करने से आप स्वय चम्ताकार अनुभव करेंगे,
वृहस्पतिवार को उस गुलमोहर के पेड़ के पास प्रातः के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शुक्रवार प्रातः आप का फूल मुझे आकर्षक बनाने में मेरा सहयोग करें, इसीलिए कल मैं आपके 16 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें,
इस प्रकार का निवेदन कर एक पीले रंग का धागा उस गुलमोहर के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. शुक्रवार प्रातः पीले रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 16 फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर आसमानी रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात गुलाब जल भी किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसी गुलाब जल से छींटे दें.
सौन्दर्य और आकर्षण के देवता जो कि कामदेव जी है इन्ही कामदेव जी का मानसिक स्मरण करें कि भगवान कामदेव जी हम पर कृपा करें तथा मेरे व्यक्तित्व में चुम्बकत्व आकर्षण उत्पन्न हो जाये जिसके द्वारा मुझे यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होने लगें इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए.
इसके पश्चात गुलाब जल का 15 से 20 मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा मक्खन का प्रशाद बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये मक्खन का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है
बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को भगवान विष्णु जी के मंदिर में जा कर जहाँ भगवान विष्णु जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां भगवान विष्णु जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें,
इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आप के अंदर आकर्षण की शक्ति का संचार आरम्भ होने लगेगा तथा कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से मानसिक तथा आर्थिक लाभ होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा 6 बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.
"भगवान कामदेव जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनाने में सहयोग करें....."
ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....
अगले भाग में स्वयं को घर में क्लेश व कलह शान्ति करने हेतु का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...
श्रीरस्तु !!
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