ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

वशीकरण सँवारे सारे काम..

जैसा की मेने अपने आरम्भिक लेख में बताया था कि वशीकरण छः क्रियाओं में से एक महत्वपूर्ण क्रिया है वशीकरण द्वारा हम अपने बिद्गे सभी कार्य अनुकूल कर सकते है, आज के युग में समाज में बहुत ही विपरीत परिवर्तन देखने में आ रहा है कोई भी किसी का सम्मान या उसका आदर नही कर रहा है, .......चाहे कोई भी सम्बन्ध हो जैसे पति- पत्नी दोनों में ही अंहकार की युति भर गयी है, ना तो पति अपनी हार मानता है  और ना ही पत्नी, कभी कभी तो  रिश्तों में बिखराव आने लगता है. या कई बार पति के किसी स्त्री से अवैध सम्बन्ध बन जाए या पत्नी के किसी पर पुरुष के साथ अवैध रिश्ता हो जाए, इस वातावरण को सही करने का ईलाज बहुत कम ही है, दोनों परिवारों में शत्रु का भाव हो जाता है  समाज के प्रतिष्ठित लोग भी समझाने का असफल प्रयास करते है, लेकिन कोई लाभ नही होता है.
vashikarn
अब क्या करें ? यही सोच सोच कर दोनों का जीवन खराब हो कर नरक  तुल्य  बन जाता है.

अब यहाँ वशीकरण ही एक ऐसा एकमात्र उपाय है जिसके द्वारा उनका परिवार बचाया जा सकता है, लेकिन समाज में एक ऐसा वर्ग भी है जो इस प्रकार की विचार धारा का विरोधी है जो इस वशीकरण क्रिया को अपनाने से मना करता है या विरोध कर उपाय नही करते है.

इस प्रकार का विरोध वो लोग ही करते है जिनका पेट और जेब दोनों भरी हुयी है उन्हें दुःख दर्द का कभी एहसास नही हुआ है . 

अब यदि किसी विद्वान पंडित जी द्वारा इस वशीकरण क्रियाओं के द्वारा पति-पत्नी दोनों का आपस में सम्मोहन या वशीकरण करवा दिया जाए तो समस्या चुटकी में हल होती है अर्थात पति-पत्नी का नरकमयी  जीवन फिर से सुखमय हो जाएगा यदि वशीकरण क्रिया द्वारा उपचार करते है.
इसके अतिरिक्त संसार में मेरे ध्यान में  तो कोई दुसरा उपाय नही है जो की पति पत्नी दोनों को नियंत्रित कर सकने में सक्षम हो.
प्रत्येक विद्या में कोई ना कोई  साइड अफेक्ट होते ही है, कई लोग इस वशीकरण क्रिया का गलत लाभ उठाने की कौशिश करते है, उनको सफलता नही मिलती तो वो इसे असत्य और झूठी विद्या की संज्ञा प्रदान कर देते है, विद्या कोई झूठी या असत्य नही होती केवल प्रयोग करने वाले ही अपने स्वार्थ के निमित्त गलत कार्य करते है तो उनको असफलता मिलती है.

अतः प्राचीन विद्या का यदि सही लाभ  प्राप्त करना है तो सही और मर्यादा में रह कर ही प्रयोग करेंगे तो शत प्रतिशत सफलता अवश्य मिलेगी.

इसी प्रकार से हम अपना परिवार और समाज  दोनों को सुखमय बना सकते है.....



शुभमस्तु !!




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